Saturday 23 April 2016

तेरे बगैर..

आज कुछ कमी है तेरे बगैर
ना रंग हैं ना रौशनी है तेरे बगैर

वक़्त अपनी रफ़्तार से चल रहा है
बस धड़कन सी थमी है तेरे बगैर।।

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