Friday 22 April 2016

बूढ़ी आँखों ने देखा था..

बूढ़ी आँखों ने देखा था सपना ये कि हो कामयाब तु

लेकिन धिक्कार है आज तुझपे ही जो छोड़ चला अपने माँ-बाप तु..

No comments:

Post a Comment