Monday 25 April 2016

खुश थे मगर..

रात का अँधेरा कुछ कहना चाहता है
ये चाँद चांदनी के साथ रहना चाहता है

हम तनहा ही खुश थे मगर
पता नहीं क्यों अब ये दिल किसी के साथ रहना चाहता है..

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