Sunday 24 April 2016

नशा तेरी आँखों..

महकता हुआ जिस्म तेरा गुलाब जैसा है
नींद के सफर में तु ख्वाब जैसा है

दो घूँट पि लेने दे आँखों की मस्तियाँ
नशा तेरी आँखों का शराब जैसा है..

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