Tuesday 17 May 2016

मुझे तो ख़ैर..

वफ़ा में अब ये हुनर इख़्तियार करना है
वो सच कहे ना कहे ऐतबार करना है

ये तुझको जागते रहने का शौक़ कबसे हुआ?
मुझे तो ख़ैर तेरा इंतज़ार करना है..

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