Monday 23 May 2016

तेरे चेहरे पे मेरी ऑंखें..

तेरे चेहरे पे मेरी ऑंखें सफर करती हैं
चाँद के पहलु में जैसे रातें सफर करती हैं

मैं तुझे और क्या वफ़ा का सिला दूँ
तेरे सीने में मेरी सांसें सफर करी हैं..

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