Monday 2 May 2016

दोस्त का हाथ..

काँटों में रहकर भी हम ज़िन्दगी जी लेते हैं
हर ज़ख्म को अपने हाथों से सी लेते हैं

जिस हाथ को कह दिया दोस्त का हाथ
हम उस हाथ से ज़हर भी पी लेते हैं.!

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