हमारे ईश्क़ में जो आज मेहफ़ूज़ है इतना,
खुदा जाने वो अब भी क्यों खामोश है इतना,
अगर दिल दे दिया है तो बेहिचक इज़हार करें,
हम देख ले कि इस दरिया में सैलाब है कितना..?
खुदा जाने वो अब भी क्यों खामोश है इतना,
अगर दिल दे दिया है तो बेहिचक इज़हार करें,
हम देख ले कि इस दरिया में सैलाब है कितना..?
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