Tuesday 10 May 2016

तुम हसीन हो..

तुम हसीन हो गुलाब जैसी हो
बहोत नाजुक हो ख्वाब जैसी हो

होंठों से लगाकर पी जाऊं तुम्हें
सर से पाँव तक शराब जैसी हो..

No comments:

Post a Comment