मोहब्बत करने वाले कम न होंगे
तेरी महफ़िल में लेकिन हम न होंगे
ज़माने भर के ग़म या इक तेरा ग़म
यह ग़म न होगा तो कितने ग़म न होंगे
अगर तु इत्तेफ़ाक़न मिल भी जाये
तेरी फुरक़त के सदमें कम न होंगे
दिलों की उलझनें बढ़ती रहेंगी
अगर कुछ मश्वरे बाहम न होंगे
हफ़ीज़ उनसे मैं जितना बदगुमाँ हूँ
वो मुझसे इस क़दर बरहम न होंगे।।
तेरी महफ़िल में लेकिन हम न होंगे
ज़माने भर के ग़म या इक तेरा ग़म
यह ग़म न होगा तो कितने ग़म न होंगे
अगर तु इत्तेफ़ाक़न मिल भी जाये
तेरी फुरक़त के सदमें कम न होंगे
दिलों की उलझनें बढ़ती रहेंगी
अगर कुछ मश्वरे बाहम न होंगे
हफ़ीज़ उनसे मैं जितना बदगुमाँ हूँ
वो मुझसे इस क़दर बरहम न होंगे।।
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