Tuesday 10 May 2016

शहर में आ कर लोग हुए दीवाने क्यों

अपने आप से फिरते हैं बेगाने क्यों
शहर में आ कर लोग हुए दीवाने क्यों

हम ने कब मानी थी बात ज़माने की
आज हमारी बात ज़माना माने क्यों

सच्ची बात से घबराने की आदत क्या
झूठे लोगों से अपने याराने क्या

खलवत में जब आँख मिलाते डरता हूँ
मेले में वो शख्स हमें पहचाने क्या

मोहसिन जब भी चोंट नई खा लेता हूँ
दिल को याद आते हैं यार पुराने क्यों।।




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