Friday 20 May 2016

तेरे नाम कर दूँ..

अपनी ज़िन्दगी की हर शाम तेरे नाम कर दूँ
तेरी ही आँखों का जाम तेरे नाम कर दूँ

मैं डूब जाऊं तेरी इन झील सी गहरी आँखों में
फिर अपनी बरबादी का इल्जाम तेरे नाम कर दूँ

मैं अपनी रूह को तेरे वजूद में भर दूँ
फिर अपनी जात अपना पयाम तेरे नाम कर दूँ

तु मुझे मोहब्बत का आग़ाज़ दे सनम
मैं अपने प्यार का अंजाम तेरे नाम कर दूँ

मोहब्बतों के क़सीदे लिखूँ तेरी सना में
हज़ारों प्यार के पैग़ाम तेरे नाम कर दूँ

हो जिसका जिक्र मोहब्बत की हर कहानी में
इक ऐसा प्यार का पैग़ाम तेरे नाम कर दूँ..

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