मेरे दिल में तस्वीर है तेरी
निगाहों में तेरा ही चेहरा है
नशा आँखों में मोहब्बत का
वफ़ा का रंग कितना गहरा है
दिल की कश्ती कैसे निकले
अब चाहत के भँवर से
समंदर इतना गहरा है
किनारों पर भी पहरा है..
निगाहों में तेरा ही चेहरा है
नशा आँखों में मोहब्बत का
वफ़ा का रंग कितना गहरा है
दिल की कश्ती कैसे निकले
अब चाहत के भँवर से
समंदर इतना गहरा है
किनारों पर भी पहरा है..
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