अब ख़ुशी है ना कोई गम रुलाने वाला
हमने अपना लिया हर रंग ज़माने वाला
उसको रुखसत तो किया था मुझको मालूम ना था
सारा घर ले गया घर छोड़ के जाने वाला
इक मुसाफिर के सफर जैसी है सब की दुनिया
कोई जल्दी में कोई देर से जाने वाला
एक बेचेहरा सी उम्मीद है हर चेहरा-चेहरा
जिस तरफ देखिये आने को है आने वाला..
हमने अपना लिया हर रंग ज़माने वाला
उसको रुखसत तो किया था मुझको मालूम ना था
सारा घर ले गया घर छोड़ के जाने वाला
इक मुसाफिर के सफर जैसी है सब की दुनिया
कोई जल्दी में कोई देर से जाने वाला
एक बेचेहरा सी उम्मीद है हर चेहरा-चेहरा
जिस तरफ देखिये आने को है आने वाला..
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