तुझे मै अपनी आदत कुछ ऐसे लगा दूंगा
सपनोमे तेरे खुदको कुछ ऐसे बसा दूंगा
भुलना चाहेभी तू अगर कभी मुझको
तेरे यादो मे आकर मै तुझको रूला दूंगा
तुझे मै अपनी आदत ......
हर लमहा याद मुझको तू मेरे बाद करेगी
सोचेगी मिलनेकी मुझसे फरियाद करेगी
तू ना रह पायेगी मेरे बिन ऐ सनम
इतना ज्यादा मै तुझको मेरा प्यार दूंगा
तुझे मै अपनी आदत ......
मेरे बिन तू कभी सांसभी ना ले सकेगी
जागेगी सोयेगी तू मुझेही याद करेगी
जिस्मसे रुह तक तू ऐसे आह भरेंगी
इस कदर मै तुझको दिवाना बना दूंगा..
सपनोमे तेरे खुदको कुछ ऐसे बसा दूंगा
भुलना चाहेभी तू अगर कभी मुझको
तेरे यादो मे आकर मै तुझको रूला दूंगा
तुझे मै अपनी आदत ......
हर लमहा याद मुझको तू मेरे बाद करेगी
सोचेगी मिलनेकी मुझसे फरियाद करेगी
तू ना रह पायेगी मेरे बिन ऐ सनम
इतना ज्यादा मै तुझको मेरा प्यार दूंगा
तुझे मै अपनी आदत ......
मेरे बिन तू कभी सांसभी ना ले सकेगी
जागेगी सोयेगी तू मुझेही याद करेगी
जिस्मसे रुह तक तू ऐसे आह भरेंगी
इस कदर मै तुझको दिवाना बना दूंगा..
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